त्रेतायुग से आज तक अर्थात , रामायण काल से अब तक हर काल में सीता देती आई है अग्निप त्रेतायुग से आज तक अर्थात , रामायण काल से अब तक हर काल में सीता दे...
दूर्रलघ्न शाश्वत अग्रणी आद्यंत ले श्रीराम आए। दूर्रलघ्न शाश्वत अग्रणी आद्यंत ले श्रीराम आए।
भज मन राम मेरे राम राम मेरे राम राम राम। भज मन राम मेरे राम राम मेरे राम राम राम।
हर एक पुरुष को राम तो हर एक स्त्री को सीता बनना होगा। हर एक पुरुष को राम तो हर एक स्त्री को सीता बनना होगा।
वहीं दुःख भंजन, परम् सुखराशि बन रे मन राम चरन अनुरागी। वहीं दुःख भंजन, परम् सुखराशि बन रे मन राम चरन अनुरागी।
राम राम टें टें शायद राम का अर्थ वो नहीं जानता या नहीं जानता मैं। राम राम टें टें शायद राम का अर्थ वो नहीं जानता या नहीं जानता मैं।